प्रेस फोटोग्राफी के हस्ताक्षर स्व महेन्द्र चौधरी की आज 22 वीं पुण्यतिथि है। इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद उनकी छवि उस दौर के लोगों में आज भी जिंदा है और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई है। स्व. श्री चौधरी जितने उत्कृष्ट प्रेस फोटोग्राफर थे उससे उच्च उनका व्यवहार था। उनकी व्यवहार कुशलता के सब कायल थे। काँधे पर कैमरे का छोटा सा बैग, मुख पर आत्मीय मुस्कुराहट और हाथों में काली गोली (माउथ फ्रेशनर) की डिब्बी मित्र उनकी काली गोली का मजा लेने से नहीं चूकते थे।
आपने उस समय प्रेस फोटोग्राफी शुरु की जब अखबार टाइपसेट के ज़रिए ट्रेडिल मशीन पर छपा करते थे। फोटो छापने का चलन न के बराबर रहता था। वजह यह थी कि उस वक्त फोटो के ब्लाक बना करते थे। फोटो काली या धब्बे वाली छपती थी। लेकिन स्व. श्री चौधरी इस बात की परवाह किए बिना अपने कैमरे से फोटो क्लिक करते रहे और अखबारों को स्वयं जाकर देते रहे। शहर में कोई भी बड़ा राजनैतिक या सामाजिक आयोजन हो, चौधरी जी हर मंच पर दिख ही जाते थे। प्रेस फोटोग्राफी का जुनून हद दर्जे का था उनमें। यदि कोई प्रेस आधी रात को फोटो माँगता तो आप लेकर पहुँच जाते थे। फोटो में देर न हो तो इसीलिये घर में हो 'डार्क रूम' बना लिया था। आयोजन अथवा घटना स्थल से फोटो उतारकर पहले घर जाते थे।
फ़ोटो डिवेलप करने के बाद अख़बार संपादक से ओके करवाते थे। इसके बाद खुद ही ब्लाक बनवाने पहुँच जाया करते थे ताकि ब्लाक क्लीयर बनें और अख़बार में अच्छा छप जाये। उनके इस जुनून में उनकी ' सुवेगा मोपेड' खूब साथ देती थी। सुबह से शाम तक वो इस मोपेड में पूरे शहर का चक्कर लगाया करते थे, प्रेस फोटोग्राफी में इतनी निष्ठा आश्चर्यचकित करने वाली थी। उच्च व्यापारिक परिवार में जन्मे चौधरी ने कभी भी पैसे और व्यापार व्यवसाय को तरजीह नहीं दी । धन-संपदा पर्याप्त होने के बाद भी आप फ़क्कड़ स्वभाव के साथ मस्तमौला जीवन जीते रहे ।
स्व. श्री चौधरी के इसी व्यक्तित्व और कृतित्व के कारण मध्यप्रदेश सरकार ने स्व. महेन्द्र चौधरी प्रेस फोटोग्राफर पुरस्कार प्रारंभ किया। ये पुरस्कार प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ प्रेस फोटोग्राफर को हर साल दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप डेढ़ लाख रुपये और सम्मान पत्र प्रदान किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा स्व. चौधरी के नाम से दिए जाने वाला पुरस्कार संस्कारधानी को गौरवान्वित करता है ।
स्थानीय स्तर पर नगर निगम और रोटरी क्लब के सहयोग से चित्रांजलि कार्यक्रम उनके सुयोग्य पुत्र संजय और संजीव चौधरी द्वारा हर साल आयोजित किया जाता है। इस आयोजन के जरिए नई-उभरती हुई प्रतिभाओं को पुरस्कृत किया जाता है। ऐसे कालजयी प्रेस फोटोग्राफर स्व. श्री चौधरी को उनकी पुण्यतिथि पर विस्मृत करना संभव नहीं है।
ज़हीर अंसारी